नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (NESO) ने सरकार से सभी पूर्वोत्तर राज्यों में इस क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) तैयार करने का आदेश दिया है। NESO के अध्यक्ष सैमुअल जिरवा ने कहा कि वर्षों से, केंद्र में लगातार सरकारें अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने में विफल रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों को एक पहचान संकट का सामना करना पड़ रहा है। NESO पूर्वोत्तर में छात्रों के निकायों का एक छाता संगठन है।


इन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में NRC तैयार करने के लिए समय की तत्काल आवश्यकता है। NESO यह भी मांग कर रहा है कि इनर लाइन परमिट (ILP) प्रणाली को स्वदेशी लोगों के हितों की रक्षा के लिए क्षेत्र के सभी राज्यों में पेश किया जाना चाहिए। जिरवा ने कहा कि NESO नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 का कड़ा विरोध करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि विदेशियों की घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने के बजाय, भारत सरकार ने सीएए में लाया, जिसने इस क्षेत्र के स्वदेशी लोगों के लिए एक और खतरा पैदा कर दिया है।


CAA के विरोध में NESO ने 11 दिसंबर को पूरे क्षेत्र में 'काला दिवस' मनाया था। जिरवा ने कहा कि NESO के घटक संगठन सीएए के खिलाफ अपने-अपने राज्यों में अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ क्षेत्र-व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने की रणनीति बनाने के लिए अगले साल की शुरुआत में NESO बैठक करेगा। NESO के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र को पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और CAA को रद्द करना चाहिए। इस अधिनियम के खिलाफ एक मजबूत विरोध दर्ज करता रहेगा।