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सोमवार को हेमंता बिस्वा सरमा ने असम के 15वें मुख्यमंत्री की शपथ ली। सरमा नार्थ ईस्ट के इस प्रीमियर एजुकेशन इंस्टीट्यूट कॉटन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करके राज्य में सीएम बनने वाले सातवें एक्स-स्टूडेंट हैं। राज्य में अब तक कुल 15 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इनमें से 7 सीएम इसी कॉटन यूनिवर्सिटी (पहले कॉटन कॉलेज) की देन हैं।
सरमा से पहले कॉटन कॉलेज से पढ़ाई करके निकले राज्य के पहले सीएम गोपीनाथ बोरदोलोई समेत, महेन्द्र मोहन चौधरी, सरत चंद्र सिन्हा, जोगेन्द्र नाथ हजारिका, हितेस्वर सैकिया और भूमिधर बर्मन राज्य के सीएम का पदभार संभाल चुके हैं। इतना ही नहीं देश की आजादी से पहले भी इस कॉटन कॉलेज का राजनीति में सिक्का चलता था । असम प्रांत के पहले प्रधानमंत्री सईद मोहम्मद सादुल्ला इसी कॉटन कॉलेज से पढ़कर निकले थे।
असम के तत्कालीन चीफ कमिश्नर सर हेनरी जॉन स्टीडमैन कॉटन ने 1901 में इस कॉलेज की स्थापना की थी। 2017 में उस समय राज्य के शिक्षा मंत्री ने इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया था। 2017 में सरमा राज्य के शिक्षा मंत्री थे। राज्य के मौजूदा सीएम सरमा की तरह इस कॉलेज से राज्य की कई राजनीतिक हस्तियों ने यहां से पढ़ाई की। सरमा ने इसी कॉलेज से 1985 से 1992 तक पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने तक पढ़ाई की थी।
कभी कांग्रेस में रहते हुए असम का मुख्यमंत्री बनने में सफल न होने वाले हेमंत बिस्वा सरमा का सपना अब बीजेपी में पूरा हो गया। बीजेपी विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में नेता चुने जाने के बाद उन्होंने सोमवार को 12 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस से बीजेपी में आकर पूर्वोत्तर के राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाले वह तीसरे नेता हैं।
पूर्वोत्तर के ही बीजेपी शासित राज्य मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री भी पहले कांग्रेस में रह चुके हैं। हेमंत बिस्वा सरमा की बात करें तो जुलाई 2014 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थामा था। तब वह कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री थे और मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। उनके साथ करीब 38 विधायक भी थे। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी मांग नजरअंदाज कर दिया था। तब हेमंत बिस्व सरमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हुए थे।
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