प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा-आइ (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम-इंडिपेंडेंट) ने कोरोना संक्रमण के चलते तीन माह के लिए एकतरफा संघर्ष विराम का एलान किया है। उधर, उल्फा की इस पहल पर मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि इससे शांति के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल बनेगा। उग्रवादी संगठन के कमांडर-इन-चीफ परेश बरूआ ने मीडिया को भेजे ई-मेल में कहा, 'संघर्ष विराम तत्काल प्रभाव लागू हो गया है और उनका संगठन तीन महीने तक किसी भी तरह के आपरेशन से दूर रहेगा।' 

बरुआ ने कहा, 'प्रदेश के लोग कोरोना महामारी से दिक्कतों से जूझ रहे हैं। इसी के चलते हमने अगले तीन महीने तक किसी भी तरह की गतिविधि से दूर रहने का फैसला किया है।' बरूआ ने तिंगराई में हुए ग्रेनेड हमले में अपने संगठन का हाथ होने से भी इन्कार किया है। इस हमले में एक व्यक्ति की जहां मौत हो गई थी वहीं दो लोग घायल हुए थे। बरूआ ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण इस कठिन समय में सुरक्षा बलों से जुड़े लोग संगठन को बदनाम करने करने की कोशिश कर रहे हैं।

उधर, तिनसुकिया में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि शांति के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के साथ ही उग्रवादी संगठन की भी है। सरकार प्रदेश में स्थापना के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। असम में कोरोना की चपेट में अब तक 3.19 लाख लोग आ चुके हैं। 2060 लोगों की मौत हो चुकी और एक्टिव केस की संख्या 41,978 है।