असम के वन अधिकारियों ने मंगलवार को एक मालगाड़ी का इंजन सीज किया है। यह उसी मालगाड़ी का इंजन है जिससे 27 सितंबर को लुमडिंग रिजर्व फॉरेस्ट के अंदर एक हाथी और उसका बच्चा मर गया था। इस घटना का हत्या करार देते हुए, मालगाड़ी के इंजन को हत्या के लिए प्रयोग किया गया हथियार माना गया है। यह पहली बार है जब इस तरह का कोई ऐक्शन लिया गया है।

असम के पर्यावरण और वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ने कहा कि पटरियों पर हाथियों को मरना बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग रेलवे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने में विफल नहीं होगा।

प्रभागीय वनाधिकारी राजीब दास को वन विभाग ने जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, उन्होंने कहा, 'ट्रेन का इंजन हत्या के हथियार की तरह है। हमें एक अपराध में प्रयुक्त हथियार को जब्त करना जरूरी होता है। यह ट्रेन का इंजन है... यह हत्या के हथियार की तरह है।'

असम के मुख्य वन्यजीव वार्डन महेंद्र कुमार यादव ने कहा कि वन विभाग ने वन्यजीवों (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मामले में सख्ती दिखाई है। रेलवे ने इस मामले में आंतरिक जांच कराई थी। लोको पायलट और उसके सहायक को निलंबित कर दिया था। मंगलवार को इंजन की जब्ती की गई। यादव ने कहा कि रेलवे अधिकारियों को लिखित निर्देश दिए गए हैं कि लुमडिंग रिजर्व के अंदर के क्षेत्रों में ट्रेनों की गति को प्रतिबंधित किया जाए क्योंकि यहां पर जंगली हाथियों की आवाजाही रहती है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अधिकारियों ने दावा किया कि इंजन को जब्त करने के बाद उसे रिलीज कर दिया गया। दास ने कहा, 'इंजन को जब्त कर लिया गया है और 45 दिनों के लिए रेलवे की कस्टडी में दिया गया है। जांच के उद्देश्य के लिए जब भी हमें जरूरत होगी, हम इंजन को वापस ले लेंगे। अगर रेलवे की हिरासत में रहते हुए इंजन के साथ कोई घटना होती है, तो इसकी पूरी तरह से जिम्मेदारी रेलवे की होगी।'