असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का निधन हो गया है।  उनकी उम्र 84 साल और 8 महीने की हो चुकी थी। उन्होंने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH)  में अंतिम सांस ली।  लंबे समय से बीमार चल रहे तरुण गोगोई पूरी तरह से लाइफ सपोर्ट पर थे।  कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद तरुण गोगोई को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 

 2001 से 2016 तक तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई का जन्म 1 अप्रैल 1936 को असम के जोरहाट जिले के रंगाजन टी एस्टेट में में हुआ था। उनके पिता डॉ कमलेश्वर गोगोई रंगाजन टी एस्टेट में डॉक्टर थे।  वहीं उनकी माता ऊषा गोगोई कवयित्री थीं। उनके माता-पिता उन्हें प्यार से पुनाकोन कहा करते थे। उनके परिवार में पत्नी डॉली गोगोई, बेटी चंद्रिमा और एक बेटा गौरव हैं, जो कांग्रेस सांसद भी हैं। 

तरुण गोगोई की शुरुआती पढ़ाई रंगाजन निम्न बुनियादी विश्व विद्यालय से हुई थी।  इसके बाद उन्होंने कक्षा चौथी तक जोरहाट मदरसा स्कूल से की।  साल 1949 में वह जोरहाट सरकारी हाई स्कूल चले गए, जहां से उन्होंने 10वीं पास की।  उन्होंने जोरहाट जिले के ही जगन्नाथ बरूआ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिर गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की। तरुण गोगोई पहली बार 1968 में जोरहाट के म्युनिसिपल बोर्ड के सदस्य चुने गए थे 

- गोगोई 6 बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रह चुके हैं।  साल 1971 से 85 तक वह जोरहाट लोकसभा सीट से जीते।  इसके बाद 1991 से 96 और 1998-2002 तक उन्होंने कलियाबोर सीट का प्रतिनिधित्व किया।  फिलहाल इस सीट से उनके बेटे गौरव गोगोई सांसद हैं। 

-तरुण गोगोई का कद उस वक्त बढ़ा जब साल 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई में वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के जॉइंट सेक्रेटरी चुने गए।  साल 1985 से 1990 तक वह पार्टी के महासचिव भी रहे।  तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे।  जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने उनकी कैबिनेट में (1991-96) खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री का कार्यभार संभाला। 

- वह 1986 से 90 तक असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।  इसके बाद 1996 में वह दोबारा इस पद के लिए चुने गए। 

- गोगोई चार बार विधायक भी रहे।  उन्होंने सबसे पहले मार्गेरिटा विधानसभा क्षेत्र से (1996-98) जीत हासिल की।  इसके बाद 2001 से वह तिताबर विधानसभा सीट से चुने जाते रहे। 

- साल 2001 में हुए विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की तो तरुण गोगोई को मुख्यमंत्री बनाया गया।  इसके बाद रिकॉर्ड तीन बार वह लगातार सीएम चुने गए। 

- लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे।  असम की 14 लोकसभा सीट से कांग्रेस कुल 3 ही जीत पाई।  जबकि बीजेपी ने 7 सीटें जीतीं, जो असम से किसी भी पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव में जीती गईं सबसे ज्यादा सीटें हैं। 

-चुनाव से पहले गोगोई ने ऐलान किया था कि अगर कांग्रेस 14 सीटों में से 7 पर जीत हासिल नहीं कर पाई तो वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।  जुलाई 2014 में उन्होंने संकेत दे दिया था कि वह 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे।