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आइटीबीपी के शहीद जवान अमरनाथ मिश्र को पैतृक गांव गया जिले के कुरमावां में सोमवार की देर रात जवानों के सलामी के साथ अंतिम विदाई दी। पूर्व मंत्री डॉ अनिल कुमार ने भी अंतिम संस्कार में पहूंच कर शोक श्रद्धांजली अर्पित की। आसम में अमरनाथ मिश्र कार्यरत थे। सेना के जवान उनका पार्थिव शरीर लेकर यहां पहुंचे। तिरंगे में लिपटे शव को जवानों ने श्रद्धांजलि दी।
जानकारी के अनुसार अचानक रविवार को घर पर सूचना मिली कि वे शहीद हो गए। शहादत की सूचना मिलते हीं परिवार में कोहराम मच गया। घटना के कारण क्या है, शहीद कैसे हुए। इसकी विशेष जानकारी स्वजनों को भी नहीं है। लेकिन पूर्वमंत्री डॉ अनिल कुमार ने कहा कि ड्यूटी पर जाने के दरम्यान ट्रेन में मौत होने की बात बताई जाती है। डॉ कुमार ने कहा कि दिवंगत आत्मा की शांति के लिए शोक श्रद्धांजलि अर्पित करत हैं। स्वजनें को सरकारी व्यवस्था के अनुसार सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
खबर मिलते ही पूरे ग्राम एवं इर्द-गिर्द के क्षेत्रों में गमगीन का माहौल कायम हो गया। अमरनाथ मिश्रा भारत के कई क्षेत्रों में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अफगानिस्तान भी जा चुके हैं । वर्तमान में आसाम में कार्यरत थे वहां वे शहीद हो गए। शव आते हीं स्वर्गीय मिश्रा के घर में चित्कार की आवाजें गूंजने लगे। परिवार में नौ वर्ष का पुत्र शिवम कुमार एवं 6 वर्ष की पुत्री ईशा कुमारी समेत अन्य का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके निधन पर ग्रामीणों ने आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की एवं इस दुख की घड़ी में परिजनों को धैर्य, शक्ति एवं साहस देने की कामना ईश्वर से की। गांव में शव आते हूं नौजवानों द्वारा भारत माता की जय,अमरनाथ अमर रहे के नारे गूंजने लगे। कोंच थाना पुलिस के जवान व साथ में आये आईटीबीपी के जवानों ने भी अंतिम सलामी दी।
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