असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा (Himanta Biswa) सरमा नए साल की शुरूआत से ही कई बड़े बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों में शामिल हैं कि कोई पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी आवास और सुरक्षा का हकदार नहीं होगा। अगर Ex-CM को जान का खतरा है तो सुरक्षा समीक्षा समिति वही मुहैया कराएगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि "हमने राज्य में PSO की तैनाती के लिए एक नई नीति बनाने का फैसला किया है। संवैधानिक पदों पर या सुरक्षा कवर की आवश्यकता वाले पदों को छोड़कर, PSO आवंटित करने के लिए एक सुरक्षा समीक्षा समिति द्वारा जांच की जाएगी।"



बता दें कि PSO उन व्यक्तियों, राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों को सौंपे जाते हैं जिनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा, "पीएसओ स्टेटस सिंबल नहीं बन सकते। सुरक्षा जरूरतों को वर्गीकृत किया जाएगा और जरूरत के आधार पर PSO आवंटित किए जाएंगे।"
मुख्यमंत्री ने हाल ही में PSO के आवंटन के खिलाफ बात की थी, इसे 'कांग्रेस संस्कृति' करार दिया था और कहा था कि भाजपा नेताओं को इस तरह के सुरक्षा कवर की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उन्होंने गलत काम नहीं किया है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। राज्य कांग्रेस ने तब सरमा को अपना सुरक्षा कवच आत्मसमर्पण करने की चुनौती दी थी।
सरमा (Himanta Biswa) ने कहा कि वर्तमान में, असम पुलिस की चार बटालियन, संख्या 4,240 कर्मी, पीएसओ के रूप में लगे हुए हैं, जिनमें से आधे को राजनेताओं की सुरक्षा के लिए आवंटित किया गया है।
उन्होंने कहा, "हम 4,000 से अधिक पीएसओ के इस आंकड़े को अब कम से कम आधा करना चाहते हैं। धीरे-धीरे, राज्य में स्थायी शांति के साथ, PSO की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होगी।" और " गुवाहाटी में मुख्यमंत्री के काफिले में वाहनों की संख्या मौजूदा 22 से घटाकर सात या आठ की जाएगी "।