नई दिल्ली। जहरीली शराब से मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश और असम (Central, UP, Assam government) को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय और दे दिया है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी। सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर को इस मामले में प्रतिपक्षी बनाए गए राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, असम व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा था।

शुक्रवार को जब यह मामला सुनवाई पर आया तो असम और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय का अनुरोध किया। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए उन्हें व अन्य प्रतिपक्षियों को चार सप्ताह का समय दे दिया। इसी दौरान याचिकाकर्ता हरिनाथ राम ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने एक नई अर्जी दाखिल की है जिसमें बिहार, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, बंगाल, कर्नाटक और गुजरात को भी पक्षकार बनाने का आग्रह किया गया है। हालांकि कोर्ट ने तब तक सुनवाई टाल दी थी।

हरिनाथ ने अपनी याचिका में विभिन्न राज्यों में जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कोर्ट की निगरानी में एसआइटी या सीबीआइ से कराने की मांग की है। याचिका में शराब के उत्पादन, खपत, बिक्री, वितरण और नियंत्रण आदि के संबंध में गाइडलाइन तय करने और एक नोडल रेगुलेटरी बाडी बनाए जाने की भी मांग है। याचिका में कहा गया है कि देश के लगभग सभी राज्य अनरेगुलेटेड जहरीली शराब से पीड़ित हैं, जिससे निर्दोष लोगों की मौत होती है। अथारिटीज की नाक के नीचे बड़े पैमाने पर अवैध शराब का कारोबार चलता है।

जहरीली शराब से होने वाली मौतों की घटनाएं बताती हैं कि अथारिटीज अवैध शराब के कारोबार की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई नहीं करते। शराब के उत्पादन, वितरण, बिक्री और टैक्स को लेकर केंद्र और राज्य स्तर पर टकराव रहता है, क्योंकि शराब राज्य का विषय है। याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में रेगुलेट करने के लिए केंद्रीय स्तर की राष्ट्रीय नोडल रेगुलेटिंग अथारिटी नहीं है। जहरीली शराब से मौतों के मामले की रुटीन जांच से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि पहले हुई जांचें जहरीली शराब से मौत के व्यापक परिणामों पर ध्यान देने में नाकाम रही थीं। ऐसे में एक राष्ट्रीय नीति बनाया जाना व्यापक जनहित में होगा।