दाल, तेल, सब्जी और फलों के बाद अब चाय की चुस्की भी महंगी पड़ेगी। दरअसल कोरोनाकाल में लाकडाउन के दौरान चायपत्ती के बागान में मजदूरों के न पहुंचने से चाय के पौधों की पत्तियां समय पर नहीं तोड़ी जा सकी थी। ऐसे में बाजार में चायपत्ती की डिमांड तो बढ़ी लेकिन आपूर्ति घट गई। 

हल्द्वानी शहर में गुवाहाटी, सिलिगुड़ी, असम और दार्जिलिंग से मंगाई जाने वाली चायपत्ती के दाम में 80 रुपये से लेकर 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक का इजाफा हुआ है। दाम घटने के फिलहाल आसार नहीं हैं।

हल्द्वानी के चाय कारोबारियों की मानें तो लाकडाउन के दौरान चाय की खेती पर जबरदस्त असर पड़ा था। बाजार में खपत के अनुरूप चायपत्ती नहीं मिल पा रही थी। बचे हुए स्टाक से चाय की खपत पूरी की जा रही थी। 

प्रोडक्शन कम होने के कारण मार्च से दाम बढ़ने शुरू हो गए थे। बताया कि अब फिलहाल प्रोडक्शन तो सही हो गया है, लेकिन दाम घटने के कोई आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं। लाकडाउन से पहले 240 रुपये किलो फुटकर रेट है।