/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/09/03/0000-1630638898.jpg)
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने असम के मुख्यमंत्री ऑफिस पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों को सीएम राहत कोष से अवैध रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया है।
एसएफआई ने आरएसएस से संबद्ध विद्या भारती स्कूलों के शिक्षकों को पूरी तरह से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली असम सरकार की भी आलोचना की, जिन्हें असम में शंकरदेव शिशु निकेतन के नाम से जाना जाता है।
एसएफआई की असम राज्य समिति के नेताओं ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली असम सरकार ने शंकरदेव शिशु निकेतन में काम करने वाले शिक्षकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करके भेदभावपूर्ण रुख अपनाया है। आरएसएस की ओर से संचालित विद्या भारती एक निजी शैक्षणिक संगठन है।
एसएफआई की असम इकाई के महासचिव निरंगकुश नाथ ने कहा कि इस कोविड-19 महामारी के दौर में राज्य के अलग-अलग वर्गों के लोगों को अनियोजित लॉकडाउन की वजह से गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से निजी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों पर भी प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव पड़ा है। ऐसे में अन्य निजी स्कूल के शिक्षकों को वंचित करना भेदभावपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने आगे कहा कि एसएफआई असम राज्य समिति ने इस पक्षपातपूर्ण कृत्य की निंदा की है और समिति ने कल्याण के उद्देश्य से संचालित निजी स्कूलों के साथ-साथ अन्य स्कूलों में काम करने वाले सभी शिक्षकों को एकमुश्त वित्तीय सहायता के आवंटन की मांग की है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |