असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की क्षेत्रीय पार्टियां खुद को मजबूत कर रही हैं और नए गठबंधन बना रही हैं। उनका मकसद बहुपक्षीय संघर्ष और पारंपरिक द्विध्रुवी राजनीति की संभावनाओं को कम करना है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही विधान सभा का चुनाव लड़ने के लिए अपने साथियों का चुनाव कर लिया है। उसने असम गण परिषद के साथ अपना गठबंधन जारी रखने और वर्तमान सहयोगी बोडो पीपुल्स फ्रंट को छोड़ने के बाद नए सहयोगी यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन बनाने की घोषणा की। 

वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तीन वामपंथी दलों- सीपीआई-एम, सीपीआई, सीपीआई-एमएलएल के साथ-साथ ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ मिलकर एक 'महागठबंधन' बनाया है। आंचलिक गण मोर्चा का मुसलमानों के बीच राजनीतिक आधार है क्षेत्रीय दलों का स्थानीय लोगों के बीच आधार है।

गुरुवार को दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों, असम जातीय परिषद (एजेपी) और रायजोर दल (आरडी) ने घोषणा की है कि वे आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व नेता लुरिनज्योति गोगोई ने हाल ही में एजेपी का दामन थाम लिया था। उन्होंने जेल में बंद नेता व रायजोर दल के सुप्रीमो अखिल गोगोई के साथ गुरुवार को तीन घंटे की मुलाकात के बाद गठबंधन की घोषणा की। दिसंबर 2019 में सीएए के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने के तुरंत बाद जेल गए अखिल गोगोई का इस समय गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में विभिन्न बीमारियों का इलाज चल रहा है।

लुरिनज्योति गोगोई ने गुरुवार को यह भी कहा कि उनकी पार्टी कार्बी आंगलोंग से स्वायत्त राज्य मांग समिति और बीपीएफ के संपर्क में है। दोनों का मध्य-पश्चिमी असम में स्थानीय लोगों के बीच पर्याप्त जनाधार है। उन्होंने कहा, "हमारी क्षेत्रीय पार्टी गठबंधन सभी 126 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी।" एजेपी और आरडी नेताओं ने अब तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया है।

पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा ने बोडो पीपुल्स फ्रंट से नाता तोड़ लिया था और अपने नए सहयोगियों यूपीपीएल और गण सुरक्षा परिषद (जीएसपी) को समर्थन देने की घोषणा की। अपने गठबंधन की घोषणा करने के बाद कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा सहित दूसरे कांग्रेसी नेताओं ने दावा किया था कि 'वोटों की सुनामी' महागठबंधन के पक्ष में होगी।

इसके विपरीत कुछ साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेता और असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि "केवल बांग्लादेश ही कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों की सुनामी लाने में मदद कर सकता है।"