भारतीय रेलवे ने पहली बार पूर्वोत्तर राज्य असम में एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इससे भारतीय रेलवे को देश के सुदूर पूर्वोत्तर हिस्सों में इलेक्ट्रिक रेल कनेक्टिविटी में मदद मिलेगी। यह जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के जरिए दी। पीयूष गोयल ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक WAG9 इलेक्ट्रिक इंजन को पहली बार असम राज्य में तेस्टिंग के दौरान देखा गया।

रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने इस ट्राइल रन का संचाल किया है। आरवीएनएल ने ट्विटर पर बताया कि यह ट्रायल बोंगाईगांव-सोरुपेटा के बीच एक पूरा किया। वर्तमान में इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन का कार्य पश्चिम बंगाल राज्य के न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) स्टेशन से किया जा रहा है।

यह पहली बार नहीं है, जब रेलवे ने इलेक्ट्रिक रेल इंजन का ट्रायल किया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में न्यू कूचबिहार से लेकर जलपाईगुड़ी रोड के बीच इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (रेल इंजन) का ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया था। अक्टूबर 2020 में चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) ने एयरोडायनैमिकली डिजाइंड WAP5 पैसेंजर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स की पहली खेप पेश की थी। इलेक्ट्रिक रेल इंजन इनवायरमेंट फ्रेंडली, प्रदूषण न करने वाले होते हैं और इनकी मेंटीनेंस कॉस्ट अन्य रेल इंजनों की तुलना में कम रहती है।

CLW, रेल मंत्रालय की पश्चिम बंगाल स्थित रेल इंजन मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में सितंबर माह में लगभग 40 इलेक्ट्रिक रेल इंजनों का उत्पादन हुआ। वहीं वाराणसी की डीजल लोकोमोटिव वर्क्स ने जुलाई 2020 में 31 इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाए। रेल मंत्रालय ने एक बयान में इसे भारतीय रेलवे के लिए बड़ी उपलब्धि बताया था।