असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने  मुख्य आरोपी की मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जोरहाट मॉब लिंचिंग (Jorhat lynching) मामले के मुख्य आरोपी नीरज दास (Niraj Das) उर्फ ​​कोला लोरा (Kola Lora) को भागने से रोकने के लिए "पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी"।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि "मुझे अभी तक पूरी रिपोर्ट नहीं मिली है। लेकिन जहां तक ​​मुझे पता चला है, आरोपी ने भागने की कोशिश की और पुलिस को उसे रोकने के लिए गोलियां चलानी पड़ीं, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई ”।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार,जोरहाट लिंचिंग मामले के मुख्य आरोपी - नीरज दास उर्फ ​​​​कोला लोरा की एक दुर्घटना में मौत हो गई। यह हादसा असम के जोरहाट में हुआ, जब आरोपी नीरज दास उर्फ ​​कोला लोरा ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश में कार से कूद गया।
जैसे ही वह पुलिस की गाड़ी से कूदा तो पुलिस वाहन ने नियंत्रण खो दिया और उसे सड़क पर टक्कर मार दी। हादसे में तीन पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। आरोपी और तीन पुलिसकर्मियों को तुरंत जोरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (JMCH) में स्थानांतरित कर दिया गया।
हालांकि JMCH के डॉक्टरों ने आरोपी नीरज दास को मृत घोषित कर दिया। नीरज दास ने कथित तौर पर पुलिस को उस स्थान पर गुमराह किया जहां वह दुर्घटना का शिकार हुआ था और उन्हें नशीली दवाओं के व्यापार स्थलों की पहचान करने में मदद करने का आश्वासन दिया था।
एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि “घटना बुधवार दोपहर करीब 1:30 बजे हुई। वह (नीरज दास) ड्रग तस्कर था। उन्होंने जोरहाट में नशीली दवाओं के व्यापार स्थलों की पहचान करने में मदद करने का आश्वासन दिया था। इसलिए, हम उसे ड्रग नेटवर्क (drug trade) का भंडाफोड़ करने के लिए ले गए। लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि वह हमें गुमराह कर रहा था। उसने हमें उस जगह पर ले जाकर पुलिस हिरासत से भागने की योजना बनाई थी, ”।