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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य के विकास और यहां के लोगों के सशक्तिकरण का उनका जुनून आज भी सभी को प्रेरित करता है।
मालूम हो कि असम में 10 दिसंबर को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। असम आंदोलन में अपने जान की बाजी लगाने वाले 855 शहीदों की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है।
खर्गेश्वर तालुकदार इस आंदोलन के पहले शहीद थे और 10 दिसंबर के दिन ही उनकी शहादत हुई थी। असम में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत 1979 में हुई थी जो असम समझौते के साथ 1985 में खत्म हुआ। राजीव गांधी उस समय देश के प्रधानमंत्री थे।
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