नई दिल्ली। हिंमता बिस्व सरमा असम में भी काशी-विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर का कॉरिडोर बना रहे हैं। हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 4 मिनट का एक वीडियो शेयर किया है। जहां उन्होंने निकट भविष्य में पुनर्निर्मित मां कामाख्या कॉरिडोर की झलक दिखाई है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना के बारे में पोस्ट करते हुए कहा, मुझे यकीन है कि मां कामाख्या कॉरिडोर एक ऐतिहासिक पहल होगी। जहां तक आध्यात्मिक अनुभव का संबंध है, काशी विश्वनाथ धाम और श्री महाकाल महालोक परिवर्तनकारी रहे हैं। उतना ही महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि पर्यटन को बढ़ाया जाता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

मंदिर के चारों ओर खुली जगह वर्तमान में 3,000 वर्ग फुट से बढ़कर लगभग 100,000 वर्ग फुट हो जाएगी, जो तीन स्तरों में फैली हुई है। एक्सेस कॉरिडोर की औसत चौड़ाई 8-10 फीट की वर्तमान चौड़ाई से बढ़कर लगभग 27-30 फीट हो जाएगी। इसको लेकर एक अधिकारी ने कहा कि परिसर में छह प्रमुख मंदिर, जो वर्तमान में बड़े सार्वजनिक दृश्य से छिपे हुए हैं, को उनके मूल गौरव में बहाल किया जाएगा।

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यह परियोजना अंबुबाची मेला और अन्य प्रमुख त्योहारों के दौरान बोझ को कम करने के लिए लगभग 8,000-10,000 तीर्थयात्रियों के लिए एक होल्डिंग क्षमता भी बनाएगी।