प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम में लोगों को भूमि आवंटन पत्र बांटे और कहा कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल मूल निवासियों की जमीन, भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस साल असम में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं।

एक लाख से अधिक परिवारों को स्वामित्व प्रमाण पत्र देने के लिए एक अभियान शुरू करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मूल निवासियों को उनकी जमीन पर कानूनी अधिकार मिले। मोदी ने शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने 10 लाभार्थियों को भूमि पट्टे का आवंटन प्रमाण पत्र देने के बाद जनता को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास जरूरी बताया और कहा कि इस दिशा में यह क्षेत्र भारत के एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में विकसित हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी अब तक उद्घाटन और शिलान्यास से जुड़े ज्यादातर कार्यक्रमों में डिजिटल माध्यम से जुड़ते रहे हैं। नए साल में दिल्ली के बाहर यह पहला ऐसा कार्यक्रम है, जब खुद प्रधानमंत्री इसमें शामिल हुए। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वसरमा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे और लोगों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीन के अधिकार की यहां के मूल निवासियों की मांग पूरी होने से लाखों लोगों का जीवन स्तर बेहतर होने का रास्ता भी बना है। उन्होंने कहा कि अब इनको केंद्र व राज्य सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ मिलना भी शुरू हो जाएगा, जिनसे वे अब तक वंचित थे। अब इन्हें भी प्रधामंत्री किसान सम्मान निधि, क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा सहित दूसरी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों का पूर्वी एशियाई देशों के साथ संपर्क बेहतर बनाया जा रहा है। पीएम ने बताया कि लगभग पौने दो करोड़ गरीबों के जन धन बैंक खाते खोले गए, इन्हीं खातों के कारण कोरोना (Coronavirus) के समय में भी असम की हजारों बहनों और लाखों किसानों के बैंक खाते में सीधी मदद भेजना संभव हो पाया।