अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मंगलवार को कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है। ‘इंडिजीनियस फेथ डे’ पर यहां खांडू ने एक कार्यक्रम में कहा कि पहले सभी जनजातियां और समुदाय आधुनिक समय और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने पंथ का अनुसरण करते थे लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ।

उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद, हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए हम सबकी जड़ें एक हैं। इसलिए एक दूसरे का सम्मान कीजिए और अपने राज्य की शांति, सद्भाव और विकास पर ध्यान दीजिए।’ जनजाति, समुदायों के पंथ और रीति-रिवाजों, परंपरा के संरक्षण, उसे बढ़ावा देने के लिए ‘इंडिजीनियस फेथ डे’ मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं सभी बुजुर्गों से अपने युवाओं को अपनी देशी भाषा सिखाने की अपील करता हूं और अनुरोध करता हूं कि घर पर अपनी भाषा में ही बात करें। अगर हमारी कोई भी भाषा खत्म होगी तो हमारी सांस्कृतिक पहचान भी खत्म हो जाएगी। ’

उन्होंने लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर लोकगीत की प्रतियोगिता आयोजित कराने के लिए समुदाय के कुछ संगठनों की सराहना की। उन्होंने देशी रिवाज और सांस्कृतिक परंपरा के संरक्षण, उसे बढ़ावा देने के लिए इंडिजीनियस फेथ एंड कल्चरल सोसाइटी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (आईएफएसएपी) के प्रयासों की भी तारीफ की।