DoNER मंत्रालय ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों की राज्य सरकारों से केंद्रीय धन के गैर-उपयोग के लिए गलत अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के लिए कहा है। लोकसभा में DoNER के मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि गंभीर शिकायतों पर कार्रवाई की गई है, साथ ही साथ लेखापरीक्षा रिपोर्टों द्वारा अनियमितताएं मंत्रालय द्वारा बताई गई हैं।


2014-15 से 2020-21 तक की अवधि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत मंजूर परियोजनाओं के लिए 13199.36 करोड़ रुपये की धनराशि असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों को जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि हमें राज्य से अब तक 12242.34 करोड़ रुपये का उपयोग प्रमाणपत्र मिला है। बाकि रुपयों का हिसाब अभी तक सरकारों ने नहीं दिया है। अगर राज्य सरकारें इनका हिसाब नहीं देती है तो सरकार के साथ साथ अधिकारियों के खिलाफा कार्यवाही की जाएगी।


मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों को हस्तांतरित किए जाते हैं, जो परियोजनाओं को लागू करने और धन का उपयोग करने के लिए जिम्मेदार हैं। सिंह ने कहा कि सभी गैर-रियायती केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को मध्य क्षेत्र के सकल बजटीय समर्थन (GBS) और पूर्वोत्तर क्षेत्र में केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं का कम से कम 10 प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है। वित्त वर्ष के दौरान 10 प्रतिशत GBS के तहत अप्रयुक्त धन गैर-लैप्सेबल सेंट्रल पूल ऑफ रिसोर्स (NLCPR) को हस्तांतरित हो जाता है, जिसे वित्त मंत्रालय द्वारा प्रोफार्मा के आधार पर बनाए रखा जाता है।