असम के कार्यकर्ता मंटू दत्ता जो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। एक फिर से मंटू दत्ता सुर्खियों में आ गए हैं। बता दें कि पहले मंटू दत्ता नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAA) के खिलाफ नग्न विरोध प्रदर्शन किया था। और इस बार, उन्होंने असम की, स्वतंत्रता ’की मांग की है। अपने गले में पारंपरिक धोती और असमिया गमोसा पहने हुए, 45 वर्षीय दत्ता को जोरहाट के उपायुक्त के कार्यालय के सामने एक तख्ती पकड़े हुए देखा गया है।


मंटू दत्ता की तख्ती पर शब्द जोई ऐक्सोम ( लॉन्ग लाइव मदर असम) असम भारत का एक घटक राज्य नहीं है, इसलिए असम को स्वतंत्रता प्रदान करें, यह असमिया में लिखा गया था। मंटू दत्ता, जो ऊपरी असम में अपने विरोध प्रदर्शनों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने असम की 'आजादी' की मांग की, न तो पुलिस, न ही जिला प्रशासन ने व्यक्तिगत विरोध पर ध्यान दिया। जोरहाट के राजाबारी इलाके से आने वाले दत्ता ने कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत क्षमता में विरोध का मंचन कर रहे थे।


जानकारी के लिए बता दें कि उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल या संगठन का प्रतिनिधित्व नहीं किया। असम की 'स्वतंत्रता' के लिए दत्ता की मांग निश्चित रूप से अलगाववादी उल्फा के 'चार दशक पुराने आंदोलन' से जुड़ी है। एक पुलिसकर्मी, जब असम की' स्वतंत्रता 'की मांग के बारे में पूछा गया, तो कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि कोई भी मंटू दत्ता को जोरहाट में गंभीरता से नहीं लेता है। दत्ता को अक्सर उन मुद्दों पर एक तख्तापलट करते और विरोध करते हुए देखा जाता है।