असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC)  के मामले पर असम के कुछ अधिकारी  सुप्रीम कोर्ट पहुंचे गए हैं। असम राज्य के NRC समन्वयक हितेश शर्मा ने अदालत से 'पूर्ण, समग्र और समयबद्ध तरीके से दोबारा सत्यापन' कराए जाने की मांग की है। हितेश ने दावा किया है कि NRC में कई गलतियां है। इस कारण से NRC में दोबारा सत्यापन करने की सख्त जरूरत है।


दोहरे सत्यापन के लिए कोर्ट एक समिति गठित करें। कोर्ट को दिए गए आवेदन में शर्मा ने दावा किया है कि “सूची में कई 'गंभीर, बुनियादी खामियां हैं' जिसकी वजह से सूची में वे लोग भी शामिल हो गए हैं, जो पात्र नहीं हैं। ड्राफ्ट और पूरक सूची त्रुटियों से मुक्त नहीं है तो ऐसे में NRC के ड्राफ्ट पर एक व्यापक और समयबद्ध दोबारा सत्यापन का आदेश देकर फिर से विचार करने की आवश्यकता है ”।


हितेश ने मांग की है कि इस समति में संबंधित जिला जज, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जैसे लोग शामिल होने चाहिए। बता दें कि NRC अधिकारियों ने अभी तक रिजेक्शन ऑर्डर जारी नहीं किए हैं, जिसके तहत बाहर किए गए लोग राज्य के फॉरेनर्स ट्रिब्युनल यानि FT में अपील कर सकती है। इसके बाद FT तय करेगी कि निकाले जाने के खिलाफ आवेदन करने वाला व्यक्ति विदेशी है या भारतीय नागरिक है। इसके चलते 19 लाख से ज्यादा लोगों की नागरिकता अधर में है, जिसपर विचार किया जाना बेहद जरूरी है।