केंद्र सरकार ने जनवरी 2021 में सभी धर्म उत्पीड़ित बांगलादेश के लोगों को भारतिय नागरिकता देगे  का फैसला किया है। देश के नागरिकता अधिनियम (CAA) के तहत धर्म उत्पीड़ित लोगों को केंद्र सरकार नागरिकता देगाी। इसी फैसले पर नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) ने घोषणा की है कि वह 11 दिसंबर को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाएगा। छात्रों के निकाय के कार्यकर्ता 11 दिसंबर को सभी पूर्वोत्तर राज्यों में महत्वपूर्ण स्थानों पर काले झंडे और काले बैनर प्रदर्शित करेंगे। यह पिछले साल 11 दिसंबर को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) संसद द्वारा पारित किया गया था।


बता दें कि यह घोषणा नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन सैमुअल बी जिरवा ने की है। NESO ने फैसला किया है कि सात पूर्वोत्तर राज्यों के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर काले झंडे और काले बैनरों का प्रदर्शन होगा। जिरवा ने पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को पारित करने की याद दिलाते हुए कहा कि भारत सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों के विरोध पर ध्यान नहीं दिया है। नागरिकता (संशोधन) के रूप में जाना जाने वाला अधिनियम 2019, राज्य सभा में ड्रंकन कानून पारित किया है।


NESO ने इसलिए घोषित किया है कि 11 दिसंबर हमेशा पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। जिरवा ने आगे कहा कि 11 दिसंबर को 'काला दिवस' के रूप में मनाते हुए, केंद्र को एक मजबूत संदेश भेजेगा कि पूर्वोत्तर के लोग अभी भी नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हैं। जिरवा ने कहा कि काला दिवस हमारे लोगों को एक और राजनीतिक अन्याय की याद दिलाएगा, जो भारत सरकार ने पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों पर बरसाया है।" NESO में 7 पूर्वोत्तर राज्यों के 8 शीर्ष छात्र निकाय शामिल हैं।