छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में देश के 23 जवान शहीद हुए हैं। इस हमले में कई जवान घायल भी हो गए हैं। इस हमले से छत्तीसगढ़ में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस कड़ी मे असम के गुवाहाटी में एक 48 साल की लेखिका ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए जवान के बारे में फेसबुक पर कुछ लेख लिखकर पोस्ट किया। पोस्ट से राजनीति में घमासान मच गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


लेखिका शिखा शर्मा छत्तीसगढ़ में हुए बड़े माओवादी हमले में जान गंवाने वालों को शहीद के बारे में लिखा जिस पर सोशल मीडिया पर इस पोस्ट की यूजर्स ने जमकर आलोचना हुई। शिखा ने अपनी पोस्ट में हमले में शहीद हुए जवानों को 'वेतनभोगी पेशेवर' बताया था। इस शब्द 'वेतनभोगी पेशेवर' पर  काफी बवाल मचा है। सोशल मीडिया पर एक वॉर शुरू गया था। बादे में जब मामला ज्यादा बिगड़ा तो शिखा को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया।


शिखा के ड्यूटी के दौरान मारे गए 'वेतनभोगी पेशेवरों' के साथ शहीद शब्द का इस्तेमाल नहीं करने की बात पर बात बिगड़ गई। शिखा ने लिखा कि '' ड्यूटी के दौरान मारे गए वेतनभोगी पेशेवरों को शहीद नहीं कहा जा सकता. इस तर्क के आधार पर बिजली विभाग के कर्मियों को भी शहीद कहा जाना चाहिए ''। इस पोस्ट के बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो वकीलों- उमी डेका और कांगकना गोस्वामी ने दिसपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी और उन्हें गिरफ्तार किया है।