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मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) का त्योहार आने वाला है। जो कि 14 जनवरी शुक्रवार को पड़ रहा है। यह एक ऐसा त्योहार है जो पूरे भारत देश में अलग अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे मकर संक्रान्ति, उत्तारायन (Uttarayan), पोंगल (Pongal), लोहड़ी (Lohri) और पूर्वोत्तर राज्य असम में भोगली बिहू (Bhogali Bihu) या माघ बिहू।
बता दें कि असम में माघ बिहू (Magh Bihu) कटाई के मौसम के अंत का प्रतीक है जो लोगों के लिए एक नई शुरुआत और आशा लाता है। इस वर्ष माघ बिहू क्रमश: शुक्रवार 14 जनवरी और शनिवार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। यह त्यौहार देश भर में पोंगल और लोहड़ी उत्सव के समान है जो माघ बिहू के साथ मेल खाता है।
माघ बिहू अलाव, स्वादिष्ट व्यंजन और घर पर तैयार मिठाइयों के साथ यह त्यौहार दो दिनों तक चलता है जिसके दौरान लोग कुछ अनुष्ठानों का बड़े उत्साह के साथ पालन करते हैं।
हालांकि यह त्योहार विभिन्न समुदायों और जनजातियों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन इस त्योहार से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनसे बहुत से लोग अनजान हैं। बहुत से लोग जानते हैं कि त्योहार केवल कटाई के अंत को चिह्नित करने के लिए है, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि माघ बिहू को भोजन का त्योहार भी कहा जाता है।
त्योहार का एक और नाम यानी 'भोगली (Bhogali Bihu)' मुख्य रूप से भोग का सुझाव देता है जो कि समृद्ध भोजन से संबंधित है। लोगों का मानना था कि खेती की प्रक्रिया पूरी होने पर खाने और आनंद लेने के लिए बहुत कुछ है।
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