रंजीत बोरा हत्याकांड के मुख्य आरोपी शाह आलम तालुकदार की शुक्रवार रात पुलिस फायरिंग में मौत हो गई।  पुलिस ने घटना के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया है लेकिन सूत्रों ने पुष्टि की है कि आरोपी को कल रात मार दिया गया। उसके शव को जीएमसीएच के मुर्दाघर में रखवा दिया गया है। जबकि उसके मुठभेड़ में मारे जाने की खबर आई है लेकिन घटना कैसे और कहां हुई इसकी कोई जानकारी नहीं है।

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पुलिस के आधिकारिक बयान का अभी इंतजार है। आरोपी इससे पहले गुरुवार रात सतगांव पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया था।

पुरबी डेयरी डिस्ट्रीब्यूटर का मुख्य आरोपी तालुकदार उस वक्त पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया, जब सतगांव पुलिस उसे तलाशी अभियान चलाने के लिए गुवाहाटी के बोताघुली इलाके में ले जा रही थी।

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पुलिस के मुताबिक जब वह हिरासत से भागा तो उसके हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी।

संबंधित नागरिकों के एक वर्ग ने सवाल उठाया है कि इतने गंभीर मामले का आरोपी पुलिस की गिरफ्त से कैसे बच सकता है। कुछ ने अपराध को नियंत्रित करने और यहां तक कि एक गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी हिरासत में रखने में पुलिस की अक्षमता पर भी सवाल उठाया है।

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इससे पहले 10 फरवरी को आलम ने गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन के हवालात में खुद को मारने की कोशिश की थी। शाह आलम इस मामले में मुख्य आरोपी था और पंजाबी इलाके का रहने वाला है जहां रंजीत बोरा मारा गया था।

रिपोर्टों के अनुसार, शाह आलम ने बाल्टी के तेज किनारों से खुद को मारने का प्रयास किया। उसने कलाई की नस काटने की कोशिश की। शाह आलम मामले के छह आरोपियों में शामिल था। छह में से पांच को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

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पूरबी डायरी के वितरक रंजीत बोरा की उनकी कार के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई, वह पैसे जमा करने के लिए गुवाहाटी में एक बैंक जा रहे थे।

यह घटना असम के गुवाहाटी में पंजबरी रोड पर सिलपाग्राम के पास हुई।