असम से राज्यसभा सांसद अजीत भुइयां (MP Ajit Bhuyan) ने उच्च सदन में विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। भुइयां ने कहा कि राज्यसभा में विपक्षी 12 सांसदों के निलंबन के कदम को उच्च सदन में 'बहुमत हासिल करने की चाल' करार दिया है।

असम के राज्यसभा सांसद अजीत भुइयां (MP Ajit Bhuyan) ने कहा कि " राज्यसभा में बहुमत यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सूचीबद्ध बिल "बिना किसी चर्चा के अलोकतांत्रिक रूप से" पारित हो जाएंगे। राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों का निलंबन उच्च सदन में बहुमत हासिल करने और बिना किसी चर्चा के अलोकतांत्रिक (undemocratically) रूप से सूचीबद्ध विधेयकों को आसानी से पारित करने की चाल है।"
भुइयां ने कहाकि  "भाजपा ने संसदीय लोकतंत्र के हर पहलू को विफल कर दिया है।" इस बीच, विपक्ष के 12 निलंबित राज्यसभा सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित राज्यसभा सांसदों ने तख्तियां लेकर सदन से निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि सांसदों का निलंबन बहुमत वालों के अहंकार को दर्शाता है। जब वे विपक्ष में थे तो संसद की कार्यवाही को भी बाधित करते थे। TMC सांसद डोला सेन ने कहा, “ जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, हम अपना धरना जारी रखेंगे ”। इस बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर (MP Shashi Tharoor) ने भी सांसदों के निलंबन के कदम की आलोचना की है।कांग्रेस सांसद शशि थरूर (MP Shashi Tharoor) ने कहा “केंद्र को यह महसूस करना होगा कि इस देश में अन्य आवाजें सुनने लायक हैं। संसद बहस और चर्चा के लिए है, आपको लोगों को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति देनी होगी, तभी आप सही मायने में लोकतांत्रिक संसद चला सकते हैं, ”।राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि “हम राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हम एक बैठक करेंगे और भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे ”।