देश में आईआईटी के स्कॉलर्स (IIT scholars) द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित भारत की पहली कार्गो ड्रोन और यूएवी टेक्नोलॉजी (India first cargo drone and UAV technology) विकसित की जा रही है। आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) में यह ड्रोन और यूएवी प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान का पहला 'उत्कृष्टता केंद्र' होगा। कार्गो ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग उत्तर पूर्व के दूरदराज के क्षेत्रों में तत्काल चिकित्सा और आपातकालीन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया जाएगा।

यहां उत्तर पूर्व में ड्रोनपोर्ट की भी पहल की गई है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विकास और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए है। आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) में की गई चार पहलों में से एक है। यह पहल ड्रोन प्रौद्योगिकी के विकास और कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं जैसे तकनीकी प्रगति, प्रशिक्षण, कानूनी पहलुओं, प्रशासनिक प्रबंधन, रसद, और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए अपनाने को संबोधित करेगी।

प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, निदेशक, आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) ने कहा, आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) ने अग्रणी भूमिका निभाई है और कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह इस क्षेत्र के लाभ के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकी आधारित विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ड्रोन की सहायता से प्रदान की जाने वाली प्रमुख विशेषताओं का उपयोग करते हुए, पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में दूरस्थ और कठिन इलाकों को किसी भी आपात स्थिति के दौरान आवश्यक वस्तुओं की पहुंच के भीतर लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) अपनी अनुसंधान विशेषज्ञता साझा करेगा, कौशल विकास प्रदान करेगा, एक ड्रोनपोर्ट स्थापित करेगा और सभी प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगा। आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर ड्रोन व यूएवी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्रोन प्रौद्योगिकी से संबंधित तकनीकी और सामाजिक चिंताओं के व्यापक स्पेक्ट्रम को संबोधित करता है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र समस्याओं को हल करने और देश की तकनीकी उपलब्धियों में योगदान देने के लिए सबसे उन्नत स्वदेशी ड्रोन को डिजाइन और विकसित करने की ²ष्टि से स्थापित किया गया है।

टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन हब के साथ-साथ यहां अंडरवाटर ड्रोन पर भी शोध किया जा रहा है। यह केंद्र ड्रोन व यूएवी, सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म, डेटा कोलेशन और विशेषण के विकास के साथ-साथ व्यापक बनाने के लिए संस्थान में उपलब्ध विविध विशेषज्ञता का उपयोग करेगा।

इसके अलावा यह केंद्र ड्रोन नीतियों और विनियमों के विचार और कार्यान्वयन पर काम करेगा। इसी तरह, ड्रोन का परीक्षण और उचित प्रमाणन भी संगठन के फोकस में से एक होगा। पहले से ही दो ड्रोन आधारित स्टार्ट-अप आईआईटी गुवाहाटी रिसर्च पार्क में अपनी प्रयोगशालाएं स्थापित कर रहे हैं।