गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, तीन राज्यों में बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र को 35 किलोमीटर बढ़ा दिया है, जबकि दूसरे में इसे 30 किलोमीटर कम कर दिया है।

आदेश के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (BSF) को अब भारत की सीमाओं से लगे पंजाब (Punjab), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और असम (Assam) में 50 किलोमीटर के दायरे में कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। पहले इन राज्यों में केवल 15 किमी तक बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र था।

गुजरात में, अधिकार क्षेत्र, जो पहले 80 किलोमीटर था, अब 50 किलोमीटर तक कम कर दिया गया है, जबकि राजस्थान के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है, जहां बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक है।

मणिपुर (Manipur), मिजोरम (Mizoram), त्रिपुरा (Tripura), नगालैंड (Nagaland), मेघालय (Meghalaya) और जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के लिए पूरे राज्य में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र एक समान रहता है।

सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (Border Security Force Act, 1968) की धारा 139 केंद्र (centre) को समय-समय पर बीएसएफ (BSF) के क्षेत्र और संचालन की सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।

इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने केंद्र (centre) के इस कदम को 'संघीय ढांचे पर सीधा हमला' करार दिया है।

मुख्यमंत्री (CM) ने एक ट्वीट में कहा, 'मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला किया गया है, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं।'

बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बदलाव का मौजूदा पंजाब सरकार विरोध कर रही है, लेकिन पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Former Chief Minister Amarinder Singh) ने बीएसएफ को सशक्त बनाने के केंद्र के कदम का समर्थन किया है।

चन्नी (Channi) ने कहा, 'हमारे सैनिक कश्मीर में मारे जा रहे हैं। हम पाकिस्तान (Pakistan) समर्थित आतंकवादियों द्वारा पंजाब में अधिक से अधिक हथियारों और ड्रग्स को धकेलते हुए देख रहे हैं। बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और शक्ति ही हमें मजबूत बनाएगी। कृपया, केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें।'