/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/12/01/1-1638334256.jpg)
हाल ही में असम (Assam) के कछार की कटिगोरा में एक हिंदू धार्मिक स्थल (Hindu religious places) को खासी ईसाई समुदाय द्वारा अपवित्र करने का मामला सामने आया था। ईसाई समुदाय ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करते हुए एक शिवलिंग और त्रिशूल को उखाड़ दिया और सदियों पुराने (250 साल) पवित्र बरगद के पेड़ को काट दिया था।
मणिपुर के हिंदुओं ने हिंदू रक्षा दल और हिंदू छात्र संघ जैसे हिंदू संगठनों के सदस्यों की मदद से असम के महादेवटीला में फिर से पूजा करना शुरू कर दिया है। इसे 17 नवंबर को खासी ईसाई समुदाय ने कथित तौर पर अपवित्र कर दिया था। 29 नवंबर को 100 से ज्यादा हिंदू महादेव टीला पर गए और वहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना की। प्रार्थना और मंत्रोच्चार के बीच वहाँ फिर से शिवलिंग को स्थापित किया गया और एक नया बरगद का पेड़ भी लगाया गया। इस पूजा में स्थानीय हिन्दुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
बता दें कि हिंदू रक्षा दल और हिंदू छात्र संघ के सदस्यों ने 22 नवंबर को कछार में उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपकर असम के कटिगोरा के महादेव टीला में एक हिंदू धार्मिक स्थल को अपवित्र करने वाले खासी ईसाई समुदाय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की थी। सौंपे गए ज्ञापन में हिन्दू संगठनों ने भविष्य में इस तरह के कामों को दोबारा दोहराने से बचने के लिए शिवलिंग और त्रिशूल को पहले की तरह स्थापित करते हुए लोहे की रेलिंग से घेरने की माँग भी की थी। जिस जगह पर यह घटना हुई, वहाँ खासी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, जिनमें से 85 फीसदी ने ईसाई धर्म अपना लिया है।
हिंदू समूह ने अपने ज्ञापन में हमले के पीछे कुछ खासी ईसाइयों का हाथ होने का आरोप लगाया था। मणिपुर के हिंदुओं ने भी इसका विरोध किया था। उन्होंने वन विभाग और कछार पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने उन्हें कुछ दिन इंतजार करने को कहा था, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर रही है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |