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जोरहाट स्थित काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CSIR-NEIST) ब्रह्मपुत्र के तहत एक रणनीतिक सुरंग की विशिष्ट भूभौतिकीय जांच कर रही है। अमेरिकी निर्माण दिग्गज लुइस बर्जर ने संस्थान को जिम्मेदारी दी है पानी की सुरंग के तहत भारत के पहले निर्माण के लिए अध्ययन करना है। ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे गोहपुर (NH-52) को ऊपरी असम में नुमालीगढ़ (NH-37) से जोड़ा जाएगा। यह भारत का सबसे बेहतर सुरंग होगी।
CSIR-NEIST के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे गोहपुर (NH-52) को ऊपरी असम में नुमालीगढ़ (NH-37) से जोड़ने के लिए एक चार लेन सुरंग के निर्माण को मंजूरी दी गई है। साथ ही अधिकारी ने कहा कि चीन के साथ बढ़े सैन्य तनाव और हालिया रुख ने इस परियोजना को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक महत्व दिया है क्योंकि यह अरुणाचल प्रदेश की दूरी को कम कर देगा। यह महत्वपूर्ण सैन्य आपूर्ति को पूरा करने के लिए एक वैकल्पिक गलियारे के रूप में भी विकसित होगा और आगे भारतीय सैन्य रसद को बढ़ावा देते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि यह परियोजना विशेष रूप से पूर्वी हिमालय और पूर्वोत्तर में भारत की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महत्व की है। नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) ने नदी के पार पानी के नीचे सुरंग के निर्माण के लिए वैश्विक निर्माण दिग्गज लुई बर्गर को हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में लुई बर्जर ने CSIR-NEIST, जोरहाट को जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें भूकंपीय खतरे के आकलन के अलावा साइट की विशिष्ट गहराई से भूभौतिकीय जांच की जाएगी।
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