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असम में गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने घोषणा की है कि छात्र अब ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकते हैं, भले ही उन्होंने मासिक शुल्क का भुगतान नहीं किया हो। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अपने-अपने शिक्षण संस्थानों को मासिक शुल्क का भुगतान न करने से छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में नुकसान नहीं होना चाहिए।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रों और उनके अभिभावकों से मासिक शुल्क के रूप में मोटी रकम वसूलने के खिलाफ भी चेतावनी दी है। इसके साथ, गुवाहाटी में निजी शिक्षण संस्थानों को उच्च न्यायालय द्वारा स्कूल में प्रवेश और अन्य मासिक शुल्क को कम करने का आदेश दिया गया है, यह देखते हुए कि कोविड -19 महामारी जो छात्रों के लिए शारीरिक मोड में नियमित शिक्षा के मार्ग में एक बाधा बन गई है।
बता दें कि इससे पहले निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों की ओर से मासिक शुल्क में कटौती की याचिका दायर की गई थी। निजी शिक्षण संस्थानों को भी हाईकोर्ट ने असम की फीस नियामक समिति को अपना खर्च और जमा विवरण भेजने का आदेश दिया है।
फीस में कटौती पर अंतिम फैसला फीस रेगुलेटरी कमेटी लेगी। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि एक बार शुल्क कम करने के बाद शेष राशि संबंधित शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के अभिभावकों को वापस कर दी जाएगी।
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