गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने 2017 में हुए श्वेता अग्रवाल हत्याकांड में गोविंद सिंघल की मां और बहन को बरी कर दिया। कमला देवी सिंघल (मां) और भवानी सिंघल (बहन) को बरी करते हुए अदालत ने उनके खिलाफ दोबारा सुनवाई करने का निर्देश दिया। 

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उच्च न्यायालय ने पुलिस जांच में चूक का हवाला देते हुए मां-बहन को बरी कर दिया था। इससे पहले 2019 में कामरूप की फास्ट-ट्रैक अदालत ने गोविंद को कॉलेज साथी श्वेता को जलाने के लिए मौत की सजा दी थी, जबकि उसकी मां और बहन को हत्या, सबूतों से छेड़छाड़ और आपराधिक साजिश के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। श्वेता का जला हुआ शव गुवाहाटी के भरालमुख स्थित गोविंद के आवास से बरामद किया गया। बता दें कि एक विवाद के बाद गोविंद ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी और बाद में गोविंद की मां और बहन की मदद से उसे जला दिया गया। गोविंद ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और उसे मौत की सजा सुनाई गई।

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बता दें कि वर्ष 2015 की हायर सेकेंडरी परीक्षा में श्वेता वाणिज्य शाखा में टॉपर रही है। इसके बाद वह के सी दास कॉमर्स कालेज में स्नातक पांचवें सेमिस्टार में पढ़ रही थी। प्रेमी गोविंद सिंघल ने 4 दिसंबर 2017 को श्वेता की नृशंस हत्या कर दी थी। गुवाहाटी के शांतिपुर स्लुइस गेट के पास जेपी अग्रवाल रोड के एक वकील के घर में किराए के मकान में सिंघल परिवार रहता था। यहीं श्वेता का जला शव बरामद हुआ था। प्रतिभावान छात्रा की मौत से राज्यभर में विरोध हुआ और दोषियों की सजा की मांग उठी। पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि श्वेता की हत्या की गई थी। श्वेता के साथ हुए झगड़े के बाद गोविंद ने दीवार में श्वेता को सिर से धक्का दिया। इसके बाद सबूत मिटाने के लिए उसने श्वेता का शव बस्ते में भरकर डस्टबिन में फेंकने का प्रयास किया। पर वह सफल नहीं हो सका। बाद में बाथरुम में लाकर केरोसिन डालकर जलाया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने गोविंद, उसकी बहन भवानी और मां कमला देवी को गिरफ्तार किया।