गुवाहाटी: जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गठित समिति द्वारा 75 जल विरासत संरचनाओं में से चार विरासत जल स्थलों की पहचान की गई है। 

शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने इस बारे में बात करते हुए कहा, हमारे असम के पानी का घुमावदार प्रवाह अपने साथ हमारी विरासत और इतिहास लेकर आता है। असम के लिए बहुत गर्व का क्षण है क्योंकि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गठित समिति द्वारा 75 जल विरासत संरचनाओं में से 4 विरासत जल स्थलों की पहचान की गई है।

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घोषणा के साथ मंत्रालय द्वारा एक बयान में कहा , “प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत एक जल विरासत स्थल के रूप में साइट घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। हालाँकि जल शक्ति मंत्रालय ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के संदर्भ में 75 जल विरासत संरचना (WHS) की पहचान करने के लिए एक समिति का गठन किया था।

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राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों और आम जनता के माध्यम से कुल 421 नामांकन प्राप्त हुए थे और जिनमें से समिति ने 75 जल विरासत संरचनाओं की सिफारिश की है, जिनमें से चार असम से थीं।

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भारत की जल विरासत संरचनाएं विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ऐसी एक संरचना है जबकि आंध्र प्रदेश, असम और गुजरात प्रत्येक में क्रमशः चार, तीन और पाँच हैं। बिहार और छत्तीसगढ़ में क्रमशः दो और एक संरचना है, और दिल्ली में एक है।