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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने गुरुवार को एनआरसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। गोगोई ने कहा कि असम में एनआरसी एक गेम है, जो 50 साल से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल हो या विपक्ष, हर किसी ने इस मुद्दे का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए किया है। माइग्रेंट्स और मूल निवासी लोगों को वायदे कर असम में चुनाव लड़े जाते हैं। गोगोई ने एक टीवी चैनल के लिए इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं।
पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा, 'असम में राजनेताओं के लिए एनआरसी बड़ा खेल है। चाहे प्रदेश में बीजेपी सरकार हो, या कांग्रेस की। एनआरसी एक खेल है, जिसे राजनीतिक पार्टियां सालों से खेल रही हैं। अवैध प्रवासियों को कहा जाता है कि हम तुम्हारी सुरक्षा करेंगे। हमें वोट दो। दूसरी राजनीतिक पार्टी स्थानीय लोगों से कहेगी कि अवैध प्रवासी हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। हम उन्हें बाहर निकाल देंगे।'
गोगोई ने आगे कहा कि एक राजनीतिक पार्टी वोट के लिए प्रवासियों की सुरक्षा करती है। दूसरी पार्टी वोट के लिए प्रवासियों को भगाने का वादा करती है। असम में यह सब 50 साल से चल रहा है। हर बार वह एक फुल प्रूफ एनआरसी का वादा करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि चुनाव के बाद वह एक फुल प्रूफ एनआरसी लेकर आएंगे। इस एनआरसी में क्या गलती है? इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है?
पूरे देश में एनआरसी के सवाल पर गोगोई ने कहा कि फिलहाल, एक राज्य को एनआरसी की जरूरत है और वहां यह नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पूरे देश के लिए एनआरसी का सवाल कहां है? आप एक राज्य में एनआरसी के लिए 40-50 साल से संघर्ष कर रहे हैं।
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