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असम में बाढ़ की स्थिति में गुरुवार को काफी सुधार हुआ, क्योंकि पिछले 24 घंटों में प्रभावित लोगों की संख्या में आधे से ज्यादा की कमी आई है। इसके साथ ही बाढ़ से प्रभावित जिलों में भी एक जिले की कमी आई है। एक सरकारी बुलेटिन में ये जानकारी दी गई है। वहीं ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी प्रमुख सहायक नदियां भी अधिकांश बाढ़ संभावित क्षेत्रों में खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की तरफ से जारी बुलेटिन के अनुसार नौ जिलों में पिछले दिन के 16,896 के आंकड़े की तुलना में अब आठ जिलों में कुल 7,005 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। दिन के दौरान बाढ़ से संबंधित किसी भी मौत की सूचना नहीं मिली और बाढ़ की मौजूदा आपदा में मरने वालों की संख्या आठ पर अपरिवर्तित रही। बुलेटिन में कहा गया है कि कुल मिलाकर 228 गांव अब बाढ़ के पानी में हैं और 11522.71 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न है। आठ प्रभावित जिले चिरांग, दरांग, धेमाजी, गोलाघाट, होजई, कामरूप ग्रामीण, कामरूप मेट्रो और मोरीगांव हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से राज्य में बाढ़ की स्थिति के संबंध में जानकारी ली थी और केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जाना। स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले भी लोगों की सुरक्षा और कुशलता की कामना करता हूं।
वहीं मुख्यमंत्री सरमा ने भी प्रधानमंत्री से बात करने की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने फोन पर बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की और इस आपदा से निपटने के लिए असम को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। सरमा ने कहा कि इस बाढ़ ने लोगों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। संकट के इस समय में हमारे साथ खड़े रहने के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं।
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