असम में आई विनाशकारी बाढ़ में आठ और लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 लाख से अधिक लोग बाढ़ के प्रभाव में संकट में हैं। इस साल बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 134 हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, कछार जिले में एक व्यक्ति के लापता होने की भी खबर है। हालांकि बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है।

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अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश नदियों में गिरावट का रुख रहा। हालांकि नगांव में कोपिली, कछार में बराक और करीमगंज में करीमगंज और कुशियारा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सिलचर कस्बे में जो एक सप्ताह से अधिक समय से जलमग्न है, भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा भोजन, पीने के पानी की बोतलों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के पैकेट हवा में गिराकर उन क्षेत्रों में राहत प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है, जहां प्रशासन अभी तक नहीं पहुंचा है।

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कछार के उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए), यूनिसेफ और ओएक्सएफएएम ने सिलचर और उसके आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंदों की पूर्ति के लिए नाव पर चलने वाली जल उपचार इकाइयां स्थापित की हैं। परिवहन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री के वितरण का निरीक्षण करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र ढोलई में बोरजालेंगा और नरसिंहपुर विकास खंड का दौरा किया। एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य भर में बाढ़ की मौजूदा लहर से 61 राजस्व मंडलों के तहत 2,254 गांव प्रभावित हैं, जबकि 1,91,194 लोगों ने 538 राहत शिविरों में शरण ली है। बाढ़ के पानी ने 79 सड़कों और पांच पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जबकि छह तटबंध टूट गए हैं।