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असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही क्योंकि पिछले 24 घंटों में छह बच्चों सहित 14 और लोगों की मौत हो गई। वहीं 30 जिलों में 29.70 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। इसके साथ ही इस साल बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 173 हो गई है। कछार में छह, नगांव में तीन और बारपेटा में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि करीमगंज, कोकराझार और लखीमपुर जिलों में एक-एक मौत दर्ज की गई।
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बजली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, कार्बी आंगलोंग वेस्ट, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नागांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तामूलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी जिले में इस समय 29.70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। दूसरी ओर कुल 2,450 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 63,314 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र जलमग्न है। सबसे बुरी तरह प्रभावित कछार है, जहां 14.04 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, इसके बाद नागांव में 4.32 लाख से अधिक लोग अभी भी विनाशकारी बाढ़ से अपने जीवन पर आए संकट के कारण परेशान हैं।
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अधिकारी 23 जिलों में 894 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां वर्तमान में 3,03,484 लोग शरण ले रहे हैं। बाढ़ के पानी के प्रभाव के कारण, राज्य के प्रभावित जिलों में कई घर, सड़कें, तटबंध और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस बीच, शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कछार जिले के बाढ़ प्रभावित सिलचर शहर का दौरा किया। जिला मुख्यालय कस्बे के अपने दौरे के दौरान सीएम सरमा ने राहत एवं चिकित्सा शिविर का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि शिविर में उचित स्वच्छता, पीने का पानी और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो।
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