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नौकरी का झांसा देकर 5 लड़कियों को असम से लाया गया था और उन्हें गलत धंधे में धकेलने की कोशिश की जा रही थी। फरीदाबाद पुलिस की थाना डबुआ प्रभारी इंस्पेक्टर सोहनपाल की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इन पांचों लड़कियों को आजाद करवाने में सफलता पाई, साथ ही इस मामले में 1 महिला समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। पुलिस अधिकारी डॉ. अर्पित जैन ने बताया कि पांचों लड़कियां असम से लाई गई थीं, जिन्हें गलत धंधों में धकेलने की कोशिश की जा रही थी।
उन्होंने बताया कि इन लड़कियों में से एक कैद की गई 16 वर्षीय किशोरी की सूचना पर पुलिस टीम ने सभी लड़कियों को आजाद करवाने में सफलता हासिल की है। लड़कियों में से एक की शिकायत के आधार पर थाना डबुआ में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 370, 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में आरोपी इजाबुल हक और रुही उर्फ शांति माया का नाम शामिल है।
बताया जा रहा है कि आरोपी इजाबुल हक असम के बारुडगा का रहने वाला है, वहीं आरोपी रुही उर्फ शांति माया नागालैंड के दीमापुर की रहने वाली है। किशोरियों को बाल कल्याण समिति और लड़कियों को जज के सामने पेश कर उनके बयान दर्ज करवा के कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद उन्हें सकुशल उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।
किशोरी ने अपने बयान में बताया कि उसकी बहन की सहेली उसे नौकरी का झांसा देकर पहले उसे सिलीगुड़ी लेकर गई और बाद में उसे 2 अन्य लड़कियों के साथ डबुआ, फरीदाबाद पहुंचा दिया गया। डबुआ में तीनों लड़कियों को एक कमरे में बंद कर दिया गया, जिसमें 1 महिला और 1 युवती पहले से मौजूद थीं, जिन्हें 10 दिन पहले ही वहां लाया गया था। जब किशोरी ने उनके साथ बातचीत शुरू की तो उसे पता चला कि उन्हें यहां गलत धंधा करवाने के लिए लाया गया है।
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