असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर अपराधी हिरासत से भागने की कोशिश करते हैं या पुलिस कर्मियों से बंदूकें छीनने की कोशिश करते हैं तो पुलिस मुठभेड़ जारी रहेगी। सीएम का यह बयान तब सामने आया जब असम में विपक्षी दलों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के रूप में हिमंता बिस्वा सरमा के शासन में राज्य में मुठभेड़ बढ़ी है।

मुठभेड़ के अलावा दूसरा विकल्प
सीएम सरमा ने कहा कि "अपराधियों से यह सवाल पूछा जाना चाहिए था। अगर वे हिरासत से भागना बंद कर देते हैं या पुलिस कर्मियों से बंदूकें छीनना बंद कर देते हैं, तो मुठभेड़ का कोई सवाल ही नहीं है।" उन्होंने कहा कि अपराधियों को गिरफ्तार करना पुलिस का कर्तव्य है लेकिन अगर वे हिरासत से भागने की कोशिश करते हैं या पुलिस पर गोलियां चलाने के लिए बंदूक छीन लेते हैं तो जवाबी कार्रवाई किए बिना कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

इसके अलावा सीएम ने यह भी कहा है कि सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध, ड्रग पेडलिंग या पशु तस्करी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्य में जिस भी जगहों पर यह हो रहे हैं वहां तुरंत एक्शन लिया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि अब तक पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए लोगों की संख्या 22 हो गई है, जबकि राज्य भर में इस तरह की घटनाओं में 34 से अधिक आरोपी घायल हो चुके हैं। इससे पहले, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस साल मई से राज्य के पुलिस बल द्वारा कथित फर्जी मुठभेड़ों से संबंधित एक शिकायत के संबंध में असम के पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

डीजीपी को ईमेल भेजने वाले आयोग ने चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। एक वकील आरिफ जवादर ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि असम पुलिस ने कई फर्जी मुठभेड़ की है। इसके आधार पर एनएचआरसी ने अपनी रजिस्ट्री को आदेश दिया कि वह शिकायत की एक प्रति असम के डीजीपी को भेजकर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगे।