दक्षिण असम के हैलाकांडी जिले के पंचग्राम में बंद कछार पेपर मिल (Cachar Paper Mill) के एक और कर्मचारी की कथित तौर पर उचित इलाज के अभाव में मौत हो गई। कछार जिले के बिन्नाकांडी निवासी 62 वर्षीय मोहन सिंह की कई जटिलताओं से पीड़ित की मौत हो गई है।
जानकारी दे दें कि असम में पेपर मिल में आत्महत्या करने वालों सहित चार लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 99 हो गया है, जो कि बहुत ही ज्यादा खौफनाक है। कछार पेपर मिल कर्मचारी संघ के नेता मनोबेंद्र चक्रवर्ती (Manobendra Chakraborty) ने आरोप लगाया कि दिवंगत सिंघा पिछले 59 महीनों से वेतन और अन्य वैधानिक बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण समय पर वांछित उपचार की व्यवस्था करने में विफल रहे।

चक्रवर्ती ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें अपनी वैध सेवानिवृत्ति से एक पैसा भी नहीं मिला। उनके पूरे सेवा जीवन का बकाया जिसने उन्हें समय पर आवश्यक उपचार के बिना मरने के लिए मजबूर किया।
बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी पेपर मिल (Paper Mill) हैलाकांडी जिले के पंचग्राम में कछार पेपर मिल और मोरीगांव जिले के जगीरोड में नागांव पेपर मिल - हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की दोनों इकाइयां क्रमशः अक्टूबर 2015 और मार्च 2017 से गैर-कार्यात्मक हैं।  दोनों मिलों के कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। सरकार ने आखिरकार दोनों मिलों को बेचने का फैसला किया है।
असम सरकार (Assam govt.) ने पिछले साल सितंबर में हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की दो बंद मिलों की संपत्ति का अधिग्रहण किया और अपने कर्मचारियों को 570 करोड़ रुपये का राहत पैकेज प्रदान किया। हालांकि अभी तक कर्मचारियों को पैकेज नहीं मिला है।