असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की भावनाओं के खिलाफ राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस अभियान चला रही है। असम में सत्तारूढ़ भाजपा ने CAA के मुद्दे को एक चुनावी एजेंडे के रूप में उठाने के लिए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है। दूसरी और सत्तारूढ़ बीजेपी एक बाद एक परियोजनाएं शुरू कर असम को लोगों को सौंगते दे रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रह्मापूत्र नदी पर दो पुल की आधारशिला रखने की घोषणा की है।


वित्त और शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि कांग्रेस ने सीएए के मुद्दे को चुनावी एजेंडे के रूप में उठाकर लोगों से बड़ी गलती की है। असम को अब परवाह नहीं है कि सीएए राज्य में लागू है या नहीं। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि असम में कोई भी सीएए के बारे में बात नहीं कर रहा है। दूसरी और कांग्रेस भाजपा को गलत साबित कर रही है, क्योंकि कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए आंदोलन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं।


असम बहुत पहले से ही CAA के खिलाफ विरोध कर रहा था और बीजेपी अब इसे लागू करने वाली है तो विरोध और ज्यादा बढ़ गया है। CAA के लागू करने के कारण बीजेपी अपने विधानसभा में वोट खोते नजर आ रही है दूसरी और कांग्रेस CAA को एंटी- CAA का अभियान चला कर विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करती नजर आ रही है। एंटी-सीएए संदेशों के साथ, कम से कम 50 लाख 'गमोचा' दान कर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आने का वादा कर रही है।