असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने NH-37 के प्रगति कार्य धीरे होने के कारण केंद्रिय मंत्री नितिन गडकरी से सवाल किया है। उन्होंने कहा है कि "NH-37  के इस खंड की स्थिति दयनीय है। मैंने गडकरी के साथ मामला उठाया है। उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया और मुझे आश्वासन दिया कि वह उचित उपाय करेंगे।


उन्होंने आगे बताया कि हमने NHIDCL (राष्ट्रीय राजमार्ग) को भी बताया और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) अगर वे काम नहीं कर सके तो हमें सड़क सौंप दें। एनएचआईडीसीएल ने काम की धीमी गति के लिए गैनन डंकरली एंड कंपनी लिमिटेड (GDCL) के साथ काम का अनुबंध पहले ही समाप्त कर दिया है।"


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मुख्यमंत्री ने कहा कि "NH-37 के विस्तार में लगी निर्माण कंपनियों के एक वर्ग ने केंद्रीय मंत्रालय को यह आभास दिया कि उनके कार्यों में देरी हो रही है क्योंकि राज्य सरकार उन्हें समय पर जमीन उपलब्ध नहीं करा सकती है। यह सच नहीं है। मैं मैंने सभी दस्तावेजों के साथ गडकरी के सामने यह स्पष्ट कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि गडकरी के हस्तक्षेप से मानसून के बाद काम अच्छी तरह से आगे बढ़ेगा।"
NHIDCL ने जनवरी 2021 के लक्ष्य कार्यक्रम के साथ 9 नवंबर, 2017 को GDCL को जंजी-डेमो खंड का काम सौंपा। हाल ही में इस खंड पर काम की भौतिक प्रगति 42.79 प्रतिशत थी। परियोजना की लागत 398.06 करोड़ रुपये थी। अब NHIDCL परियोजना को नए सिरे से सौंपने के लिए निविदा जारी करेगी।

सूत्रों के मुताबिक, नगांव से डिब्रूगढ़ तक भी कई हिस्सों में एनएच-37 का विस्तार कार्य संतोषजनक नहीं है। कंपनियां सर्विस रोड की मरम्मत नहीं करती हैं, जिससे यात्रियों को अमानवीय परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश के कारण अब स्थिति बद से बदतर हो गई है।"