श्रीनगर। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय चिकित्सा पद्धति (आईएसएम) और यूनानी चिकित्सा के बहुआयामी विकास को काफी महत्व दिया है। सोनोवाल ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स (एसकेआईसीसी), श्रीनगर में यूनानी चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने यूनानी चिकित्सा सहित भारतीय चिकित्सा पद्धति के बहुआयामी विकास को बहुत महत्व दिया है। 

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उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में पारंपरिक चिकित्सा के लिए एक वैश्विक केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है, जो शोधकर्ताओं और छात्रों को पारंपरिक चिकित्सा में दुनिया का नेतृत्व करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यूनानी दिवस हकीम अजमल खान की जयंती पर मनाया जाता है क्योंकि यह उनके और कई अन्य विद्वानों के योगदान के कारण ही हमें विरासत में मिली है। 

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सोनोवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पौधों के संसाधनों में समृद्ध है। उन्होंने उनकी तलाश और उनके औषधीय उपयोग के लिए अनुसंधान करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि मानव जाति लाभान्वित हो सके। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय 'अच्छे स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए यूनानी चिकित्सा में आहार और पोषण' था, जिसका आयोजन केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम), केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा किया गया था। 

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई कालूभाई विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, बंगलादेश और अन्य देशों के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भी भाग लिया।