नागारिकता संशोधन विधेयक (CAA) खिलाफ सारा देश है। देशवासी नहीं चाहते कि किसी और देश के लोगों को भारत की नागरिकता मिले। अगर विदेशियों को नागरिकता दी जाती है इससे देश की इकोनोमी, रोजगार और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। कई बार CAA के खिलाफ कई संगठनों ने आंदोलन भी किए हैं और अभी भी कई संगठन CAA के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। पूर्वोत्तर मे इसका पूरजोर विरोध किया जा रहा है लेकिन लोगों की हितों के खिलाफ केंद्र सरकार CAA लागू कर रही है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि केंद्र जनवरी से हिंदू बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर देगा।


जानकारी के लिए बता दें कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक संसद द्वारा पारित किया गया था। इस अधिनियम का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य द्वारा विरोध किया जा रहा है, और यहां तक कि CAA विरोधी सर्वोच्च न्यायालय में भी गए हैं। भाजपा द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जनवरी 2021 से बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। भाजपा सरकार द्वारा बंग्लादेशी शरणार्थियों को जनवरी से नागरिकता दी जाएगी। जो लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के वहां धार्मिक उत्पीड़न के कारण भाग गए थे।


धार्मिक उत्पीड़ित लोगों को नागरिकता दी जाएगी। भाजपा सांसद भुवनेश्वर कलिता, जो अधीनस्थ विधान समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं, ने कहा कि एक प्रावधान है कि सरकार अधिनियम के नियमों को सीधे अधिसूचित कर सकती है और बाद में इसे जांच के लिए संसदीय समिति को सौंप सकती है। इसके अलावा, समिति जांच के लिए अधिनियम भी तलब कर सकती है, यदि सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद यह इच्छा है। जल्द ही इन लोगों को देश की नागरिकता हासिल हो जाएगी।