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सीमावर्ती राज्यों बंगाल व असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। बीएसएफ के पूर्वी कमांड के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) पंकज कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव में सीमा पार से असामाजिक तत्व किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं फैला सके इसके लिए सीमा पर हमने निगरानी को और सख्त कर दिया है। हम कड़ी नजर रख रहे हैं। सीमा पर तैनात अधिकारियों और जवानों को इस बाबत जरूरी निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि करीब 250 ऐसे गांव हैं जो सीमा पर फेंसिंग के एकदम अगल- बगल में बसा है। साथ ही कई इलाकों में अभी भी सीमा पर फेंसिंग नहीं लगी है। इसके अतिरिक्त बड़ा इलाका रिवर लाइन बॉर्डर है, यानी सीमा के बीचों बीच जहां से कई नदियां गुजरती है, जिसके जरिए अवैध क्रियाकलापों को अंजाम देने की लगातार कोशिश होती रही है। ऐसे में सुरक्षा और चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसको देखते हुए चुनाव में सीमा पार से कोई भी उपद्रव नहीं कर सके, हथियारों को इधर-उधर नहीं पहुंचा सके, इसके लिए अभी से हमने निगरानी काफी बढ़ा दी है। इधर, बीएसएफ के इस कदम से चुनाव में गड़बड़ी फैलाने का मंसूबा पाले असामाजिक तत्वों की इस बार खैर नहीं है।
बीएसएफ एडीजी ने बताया कि सीमा की सुरक्षा में हम विशेष प्रशिक्षित कुत्तों व अत्याधुनिक टेक्नोलोजी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हाई रेजोल्यूशन के नाइट विजन कैमरों व अन्य उपकरणों से भी सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि कोई भी हमारी सीमा में अवैध रूप से घुसपैठ नहीं कर सके।गौरतलब है कि दोनों राज्यों की सीमा बांग्लादेश से लगती है। भारत से बांग्लादेश की कुल 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ के पूर्वी कमांड पर ही है। इनमें अकेले बंगाल से 2,216 किलोमीटर एवं असम से 263 किलोमीटर सीमा लगी है जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद ही संवेदनशील है और यह बॉर्डर क्षेत्र घुसपैठ, तस्करी व अवैध क्रियाकलाप के लिए कुख्यात रही है। हालांकि सीमा की सुरक्षा में जुटी बीएसएफ ने बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में दिन- रात ड्यूटी करते हुए सीमा के जरिए घुसपैठ, तस्करी व अवैध क्रियाकलापों पर बहुत हद तक अंकुश लगा दिया है।
वहीं, बंगाल विधानसभा चुनाव से जुड़े कार्यों में बीएसएफ की क्या भूमिका होगी, इस बाबत पूछे जाने पर बीएसएफ एडीजी सिंह ने कहा कि यह केंद्रीय चुनाव आयोग पर निर्भर करता है। हम अपनी तरफ से हमेशा पूरी तरह तैयार हैं। चुनाव आयोग का जैसा निर्देश होगा और उनकी जो जरूरत होगी उसके अनुसार हम हर समय तैयार हैं।
बताते चलें कि बंगाल व असम में इसी साल अप्रैल व मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। हाल में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ भी बंगाल में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए कोलकाता के दौरे पर आई थी। पूर्ण पीठ ने यहां राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों एवं सभी जिलों के डीएम- एसपी के साथ कानून- व्यवस्था की स्थिति व सुरक्षा तैयारियों को लेकर बैठक की थी। इस दौरान आयोग ने अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए थे।
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