अवैध प्रवासन के पांच दशक लंबे मुद्दे को समाप्त करने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा सील करना, 2016 के असम विधानसभा चुनावों से पहले जारी भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट में किए गए प्रमुख वादों में से एक था, जो कि अब तक पूरा नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कहा था कि अगर भगवा पार्टी को असम की सत्ता में लाया जाता है, तो वह दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा को सील कर देगी।


बीजेपी ने यह भी कहा था कि पड़ोसी देश से बाढ़ को हमेशा के लिए समाप्त कर देगी। विज़न डॉक्यूमेंट 2016-2025 ने "सीमा की पूर्ण सीलिंग" के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करने का भी वादा किया था। तब से लगभग पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन यह वादा अभी भी कागज पर ही अटका हुआ है। इस वादे को पूरा करने के लिए अभी तक किसी भी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया है। बता दें कि बांग्लादेश के साथ कुल 263 किलोमीटर सीमा साझा की गई है, जिसमें से 214.89 किलोमीटर भूमि पर और शेष 48.11 किमी नदी की सीमा है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 201.51 किलोमीटर भूमि सीमा के साथ कंटीली बाड़ लगाने का काम अब तक पूरा हो चुका है और अभी भी, लगभग 13 किमी झरझरा सीमा अभी बाकी है। 2019 में, असम के संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटोवेरी ने कहा था कि करीमगंज जिले में 4.35 किलोमीटर की दूरी पर कांटेदार बाड़ लगाने का काम ठप है क्योंकि बांग्लादेश सरकार ने एक संदर्भ स्तंभ की मांग की थी। गृह मंत्री अमित शाह ने 2016 में ऊपरी असम के शिवसागर जिले में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करते हुए लोगों को आश्वासन दिया था कि भाजपा असम को अवैध बांग्लादेश प्रवासियों से मुक्त बनाएगी लेकिन सच सबके सामने हैं।