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असम में विधानसभा चुनाव से पहले असम में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा असमियाओं को कई तरह की सौगातें दे रही है। असमियाओं को लुभाने के लिए बीजेपी अब तक कई हजार करोड़ की परियोजनाएं शुरू कर चुकी है और अभी भी यह सौगातें जारी है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 साल की देरी के बाद माजुली-जोरहाट पुल के निर्माण कार्य को हरी झंडी दे ही दी है। जानकारी दे दें कि 8 किलोमीटर लंबी माजुली-जोरहाट पुल परियोजना को केंद्र में तत्कालीन एनडीए सरकार ने 2016 में शुरू किया था।
असम विधानसभा चुनावों में मुश्किल से एक या दो महीने बाकी हैं। इससे पहले केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारों ने माजुली-जोरहाट पुल का निर्माण कार्य शुरू करने का फैसला किया है। माजुली के निर्माण कार्य का उद्घाटन जोरहाट टू-लेन पुल को असम में विपक्षी दलों सहित कई लोग विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के एक मात्र राजनीतिक स्टंट के रूप में देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बहुप्रतीक्षित माजुली-जोरहाट पुल के निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाई है।
पुल उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, पीयूष हजारिका और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा शामिल रहे। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, जो माजुली के एक विधायक हैं, ने कहा कि जोरहाट को पवित्र नदी द्वीप माजुली से जोड़ने वाले ब्रह्मपुत्र पर पुल का निर्माण न्यू इंडिया के लिए एक महान इन्फ्रा परियोजना है। यह असम के धुबरी को मेघालय में फूलबाड़ी से जोड़ेगा।
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