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असम विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच घहमाघमी चल रही है। एक भी मौक ऐसा नहीं छोड़ रहे हैं जिसमें दूसरी पार्टी की कमियां ना गिना गई हो। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मापूत्र नदी पर बोगीब्रिज पर लाइट का उद्धाटन किया है। पीएम मोदी और राज्य सरकार पर तंज सकते हुए असम कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने असम चाय श्रमिकों को मूर्ख बनाया है।
बता दें कि असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल ही में राज्य में चाय श्रमिकों के मूल दैनिक वेतन में 50 रुपये की बढ़ोतरी की थी। 50 रुपये की बढ़ोतरी ने असम में चाय श्रमिकों के दैनिक वेतन को 167 रुपये से बढ़ाकर 217 रुपये कर दिया था। लेकिन, बढ़ोतरी के बाद भी, असम में चाय श्रमिकों का वेतन केरल में उनके समकक्षों की तुलना में कम है। केरल में, चाय श्रमिकों का मूल दैनिक वेतन 380 रुपये है। 380 रुपये का मूल दैनिक वेतन अन्य वैधानिक लाभों के साथ, कुल दैनिक वेतन 600 रुपये है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के शिवसागर में एक चुनावी अभियान की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में राज्य में चाय श्रमिकों के मूल दैनिक वेतन को बढ़ाकर 365 रुपये करने का वादा किया गया था, अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आ जाती है। असम कांग्रेस के प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के 30 दिनों के भीतर असम के चाय श्रमिकों का दैनिक वेतन 365 रुपये तय करेगी। दूसरी ओर तंज कसते हुए बोरा ने कहा कि असम में भाजपा ने राज्य में चाय श्रमिकों के समुदाय को भगवा पार्टी को वोट देने के लिए लुभाने के लिए अपनी बोली में 'लॉलीपॉप' के साथ सौंप दिया है।
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