गुवाहाटी । करीब चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भाजपा राज्य में स्वदेशी मुस्लिम लोगों से समर्थन प्राप्त करने के लिए रणनीति बना रही है।

 प्रदेश में लभभग 30 लाख स्वदेशी मुस्लिम के अलावा असमिया सिख, बौद्ध मतदाता हैं और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इन लोगों से समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से 100 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है।

दरअसल, कांग्रेस. और 'एआईयूडीएफ की दोस्ती को देखते हुए भाजपा सशंकित है, क्योंकि दोनों दल मिल कर लड़ते हैं तो करीब 35 सीट ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक साबित होंगे और भाजपा के लिए बहुत बड़ा घातक बन सकता है। पहले मुस्लिम मतदाता कांग्रेस-एआईयूडीएफ के बीच बंटते रहे हैं, जिसका लाभ भाजपा उठाती रही है। लेकिन इस बार हालात बदले-बदले से हैं।

राज्य सरकार ने स्थानीय मुसलमानों जिसमें गोरिया, मोरिया, जोलहा, समुदाय के लिए कुछ विकास परिषदों के गठन की भी घोषणा की है। जनगोष्टीय समन्वय परिषद जो स्वदेशी मुस्लिम, असमिया सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन के लगभग 40 विभिन्न संगठनों की एक छतरी संगठन है, ने गुवाहाटी में एक बैठक की और राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को जल्द लागू करने का आग्रह सरकार से किया।

स्वदेशी मुस्लिम संगठनों ने यह भी दावा किया कि राज्य में 25 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां स्वदेशी मुस्लिम मतदाता किसी भी उम्मीदवार को जिताने की ताकत रखते हैं। भाजपा नेता मोमिनुल अवाल जो जनागोष्ठीय समन्वय परिषद के मुख्य संयोजक भी हैं, ने कहा कि सभी स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने सत्तारूढ़ दल भाजपा से अपील की है कि वह अल्पसंख्यक बहुल 25 सीटों में से अधिकांश में स्थानीय मुस्लिम लोगों को अपनी उम्मीदवारी दे, जहां स्थानीय मुस्लिम मतदाता अधिकतम हैं। ।

जनागोष्ठटीय समन्वय परिषद के मुख्य संयोजक और असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के अध्यक्ष मोमिनुल अवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक समाज के लिए की गई अपनी घोषणाओं को जल्द ही लागू करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को इस साल 31 दिसंबर तक अल्पसंख्यक समाज के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को लागू करने का अल्टीमेटम दिया है। इस बीच सरकार क्या करती है उस पर उनकी नजर होगी और आगामी 1 जनवरी को परिषद फिर से बैठक कर भ्रविष्य की योजना तय करेगी।

अवाल ने बताया कि भाजपा ने मिशन 100 प्लस सीटों का लक्ष्य रखा है और पार्टी फिर से राज्य में अगली सरकार बनाएगी। लेकिन हम स्थानीय मुस्लिम समाज इस आशा में हैं कि भाजपा पहले से कहीं अधिक सीटें अगले चुनाव में जीतेगी और मुस्लिम समाज से भी विधायक विधानसभा में पहुंचेंगे। इसलिए भाजपा नेतृत्व से उनकी अपील होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण में मुस्लिम समाज को भी जगह दें।