
नई दिल्ली/गुवाहाटी। कांग्रेस ने आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पूर्वोत्तर राज्यों के चहुमुखी विकास के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) के सपने को हकीकत में बदलने के लिए कोई ठोस काम नहीं किया। कांग्रेस के रिपुण बोरा (Ripun Bora) ने सोमवार को राज्यसभा में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2001 में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों का चहुमुखी विकास कर पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश की मुख्यधारा के समान विकसित करने के उद्देश्य से अलग मंत्रालय का गठन किया था।
यह भी पढ़ें- भारत उठाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा! खरीदेगा बेहद सस्ता पेट्रोल डीजल
उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामरिक और देश के विकास में उसके महत्व को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र के चहुमुखी विकास का सपना देखा था लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार के उदासीन रूख के कारण यह सपना हकीकत नहीं बन सका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में केन्द्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने इसके लिए कई योजनाओं की शुरूआत की जिनकी बदौलत क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा था लेकिन भाजपा सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद विकास कार्यो की तेजी को बाधित कर दिया।
उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा कि अब तक पूर्वोत्तर के क्षेत्र के विकास के लिए जितनी भी परियोजनाएं शुरू की उनमें से अधिकतर संप्रग सरकार ने ही पूरी की है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए कुल 1495 परियोजनाएं स्वीकृत की गयी जिनमें से आधे से अधिक अभी भी पूरी नहीं हुई है। बोरा ने भाजपा सरकार को 'गेम चेंजर के बजाय नेम चेंजर' करार देते हुए कहा कि उसने मनमोहन सरकार की महत्वपूर्ण योजना 'लुक टू ईस्ट' का नाम बदलकर 'एक्ट टू ईस्ट' कर दिया।
यह भी पढ़ें- रूस बरसा रहा बम, यूक्रेन की यह मांग कोई नहीं कर रहा पूरा; जेलेंस्की ने दुनिया से लगाई गुहार
इसी तरह वर्ष 2007 में पूर्वोत्तर के विकास के लिए लायी गयी औद्योगिक नीति को बंद कर दिया। इस नीति में औद्योगिक इकाईयों को मशीनरी के लिए 30 फीसदी सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने असम के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का भी निजीकरण कर दिया। सरकार इस क्षेत्र के लिए अब तक एक भी मेगा परियोजना नहीं लेकर आयी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं को बढाने की दिशा में भी काम नहीं किया गया है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |