गुवाहाटी । असम गण परिषद (अगप) के अध्यक्ष तथा कृषि मंत्री अतुल बोरा ने रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र बोकाखात में 'जातीय ऐक्य सम्मेलन' से आगामी विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान को और तेज कर दिया है। 

लोगों को एकजुटता का संदेश देने के लिए इस दौरान निकली रैली में अगप अध्यक्ष तथा कृषि मंत्री अतुल बोरा, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत, फणिभूषण चौधरी, अगप के महासचिव तथा सांसद वीरेंद्र प्रसाद बैश्य, गायिका कल्पना पटवारी सहित कई आला नेता व सहयोगी छात्र व युवा संगठनों के नेता व सदस्य आज बोकाखात पहुंचे। 

जातीय ऐक्य सम्मेलन! रैली में उमड़े अपार जनसमूह को देख पार्टी नेताओं के चेहरे खिल उठे। भीड़ को देख जोश में आए नेताओं ने हाल में आंचलिकतावाद के नाम पर राज्य में गठित विभिन्न राजनीतिक दलों पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने नवगठित राजनीतिक पार्टी असम जातीय परिषद (एजेपी) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आंचलिकतावाद के नाम पर गठित एजेपी से अगप को कोई खतरा नहीं है। 

विभिन्न जाति-जनगोष्ठी व भाषा-भाषी लोगों को लेकर गठित असमिया जाति तथा राज्य के ऐतिहासिक एकता व भाईचारे में फूट डालने की कोशिश करते हुए राज्य में कुछ पार्टियां ने सांप्रदायिकता की राजनीति शुरू कर दी है। उन सांप्रदायिक ताकतों को राज्य से उखाड़ फेंकना होगा। जिसके लिए उन्होंने लोगों से राज्य की एकमात्र आंचलिकतावादी राजनीतिक पार्टी अगप को अधिक मजबूत बनाने का आह्वान किया। 

सभा को संबोधित करते हुए अगप के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत ने मंत्री बोश द्वारा किए गए विकास कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कांग्रेस और एआईयूडीएफ की मित्रता की जमकर आलोचना की। इस दौरान अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को उत्साहित करते हुए गायिका कल्पना पटवरी ने कई भाषाओं में गाने गाए।

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वित्त, स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा सहित राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा दल के नेता-कर्मी विभिन्न शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रमों के माध्यम से ताबड़तोड़ सभाएं कर भाजपा के चुनाव अभियान को गति प्रदान कर रही है। ऐसे में सभी राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अगप पर टिकी हुई हैं।

बोकाखात में आज जातीय ऐक्य सम्मेलन' रैली की सफलता के लिए अगप ने पूरी ताकत झोंक दी। इसका नतीजा भी रैली में उमड़ी भारी भीड़ के रूप में नजर आए। इस दौरान निकली एक बाईक रैली में अगप अध्यक्ष अतुल बोरा और कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत ने कई किलोमीटर तक मोटरसाइकिल चलाकर भीड़ का उत्साह बढ़ाया। 

रैली के बाद आयोजित एक जन सभा में लोगों के बैठने के लिए लगाया गया पंडाल भी छोटा पड़ गया। जितने लोग अंदर बैठे थे उससे कहीं अधिक लोग बाहर खड़े थे। जातीय ऐक्य सम्मेलन! रैली के जरिए अगप नेताओं ने अपने एकजुटता का संदेश दिया।